Moral Story In Hindi - सर्वश्रेष्ठ मजेदार हिंदी कहानी
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| Moral Story In Hindi - सर्वश्रेष्ठ मजेदार हिंदी कहानी |
कहानी - १
बहुत पुरानी बात है एक बहुत सुंदर राजकुमारी थी जिसको हर प्रकार का जादू आता था। राजकुमारी बहुत दयालु स्वभाव की थी और वह इंसानों के स्वभाव को बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए वह राज्य छोड़कर जंगलों में रहा करती थी। बचपन से लेकर आज तक उसने लोगों को केवल एक दूसरे का उपयोग करते ही देखा था इसलिए वह सब से दूर रहना पसंद करती थी।
एक दिन जंगल के पास एक आदमी नदी में डूब रहा था और जोर-जोर से बचाने के लिए चिल्ला रहा था। राजकुमारी यह जानती थी अगर वह उसको बचाने जाएगी तो वह इंसान सबको उसके बारे में बता देगा और उसकी जान को खतरा हो जाएगा।
पर अपने दयालु स्वभाव के कारण राजकुमारी से रहा नहीं गया और वह उस डूबते हुए इंसान को बचाने के लिए पानी में कूद गई। राजकुमारी ने देखा उस आदमी का पर पत्थर में फस गया है उसको बिना जादू के नहीं बचाया जा सकता। राजकुमारी में उसके सामने अपना जादू दिखाया और पत्थर तोड़कर उसको बाहर निकाल लाइ।
राजकुमारी को जादू करते देख वह आदमी आश्चर्य से बोला – क्या आप वही राजकुमारी हैं जो अपना राज्य छोड़कर जंगल में रहती हो ?आप वही है जिसके बारे में सभी कहानियां सुनाते हैं ? एक राजकुमारी थी जो जादू करना जानती थी और अपने राज्य छोड़कर लापता हो गई।
राजकुमारी ने कुछ नहीं कहा और वापस जंगल की ओर जाने लगी। उस व्यक्ति ने राजकुमारी से कहा मैं आपका धन्यवाद कैसे देख सकता हूं आपने मेरी जान बचाई है।
राजकुमारी ने उस युवक से कहा तुम अगर मेरा भला करना चाहते हो तो किसी को भी मेरे बारे में मत बताना अगर तुम ऐसा करते हो तो तुम्हारा एहसान मुझ पर आजीवन रहेगा।
देखते ही देखते बहुत दिन गुजर राजकुमारी फिर जंगल में रहने लगी तभी उसी राज्य के राजा से एक महात्मा ने कहा एक राजकुमारी जो जादू विद्या में बहुत निपुण है वह तुम्हारे ही राज्य में कहीं है अगर तुम उससे शादी कर लोगे तो पूरे राज्य का भला हो जाएगा।
कहानी - २
राजा उस महात्मा की बात सुनकर तुरंत राज्य में एलान करवा देता है जो भी उस राजकुमारी के बारे में बताएगा उसको ढेर सारा इनाम दिया जाएगा। जैसे ही वह बात उस युवक तक पहुंचती है वह राजा और सैनिक को लेकर उस जंगल में चला जाता है जहां उसको राजकुमारी मिली थी।
राजा और सैनिक सभी हथियार लिए उस राजकुमारी के सामने पहुंच जाते हैं , राजकुमारी यह देखकर बहुत निराश होती है और राजा से कहती है आप भले मेरी जान ले लीजिए पर मुझे बस इतना बता दीजिए कि आपको मेरे यहां रहने का पता किसने दिया ?
राजा जैसे ही उस युवक की ओर इशारा करते हैं , राजकुमारी उसको देखकर कहती है।
चाहे खुद डूब के मर जाना पर कभी किसी इंसान को मत बचाना।
राजा राजकुमारी से पूछता है आखिर तुमने ऐसा क्यों कहा -राजकुमारी राजा को बताती है कि मैंने इस की जान बचाई थी यह डूब रहा था और इसने मेरे साथ ऐसा किया।
राजकुमारी की दयालुता को देखकर राजा को बुरा लगता है और वह उस युवक को बंदी बनाने का आदेश दे देता है। राजकुमारी राजा से कहती है ,महाराज इसको जाने दीजिए यह तो इंसानों की फितरत ही होती है। इसमें इसकी कोई गलती नहीं उसने तो केवल अपना फायदा देखा।
राजा ने इससे पहले कभी किसी को इतनी दयालुता दिखाते हुए नहीं देखा था ,राजा ने सह सम्मान राजकुमारी से कहा – अगर आप हमारे राज्य में आकर रहेंगे तो हमारे लोगों का भला होगा। मैं आपसे विनती करता हूं कि आप मेरे महल रहे और आप जैसा कहेंगे वैसा ही होगा ,ना आपको कोई बेवजह परेशान करेगा ना आपके पास कभी कोई आएगा। आप राज्य की जनता के लिए मेरे राज्य में रहे ,आप जो मांगोगे आपको दिया जाएगा।
अपनी प्रजा की भलाई के लिए राजा की मंशा देखकर राजकुमारी राजा के निमंत्रण को ठुकरा नहीं पाई और राजा के साथ राज्य में आ गई। बहुत दिनों महल में रहने के बाद राजकुमारी को यह एहसास हुआ कि राजा एक बहुत ही होनहार और अपनी प्रजा का भला करने वाला है , इस गुणों से राजकुमारी को राजा से प्यार हो गया और उसने राजा से शादी कर ली।
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई हमारे साथ कितना भी गलत करें पर हमें अपना असली स्वभाव नहीं भूलना चाहिए। अगर कोई अपने गलत काम नहीं छोड़ सकता तो हमें भी अपने अच्छे काम नहीं छोड़ना चाहिए।
कहानी - ३
प्राचीन समय की बात है एक छोटा सा गांव था जिसका मुखिया बहुत ही समझदार और आत्मनिर्भर था। मुखिया जो भी कहता लोग बिना सोचे वह पालन करते थे। मुखिया का सभी लोग बहुत सम्मान किया करते थे। वह हमेशा लोगों की मदद किया करता और सबको आत्मनिर्भरता सिखाता।
वह लोगों में अच्छे-अच्छे गुणों को उभारने में मदद करता और कभी राजा से मदद नहीं मांगता अपितु जब भी किसी बात की जरूरत होती तो मुखिया सारे गांव को इकट्ठा करके जन सहयोग से कार्य करवाता।
एक बार लुटेरों ने गांव पर हमला कर दिया मुखिया और गांव के लोगों ने उनका सामना किया पर वह लुटेरे योद्धा की तरह लड़ रहे थे और गाँव वालो को हराकर सारा अनाज और कीमती वस्तुएं ले गए ।
इस घटना ने पूरे गांव को परेशान कर दिया ,मुखिया ने दोबारा अपने गांव को सुरक्षित करने के लिए बाहर से कुछ लोग मंगवाए पर कुछ ही दिनों में उस लुटेरे ने फिर हमला किया और गांव के लोग फिर हार गए।
मुखिया इस बात से परेशान था आखिर इन लुटेरों में इतना आत्मविश्वास और इतना साहस कैसे हैं ,जो वह बड़े से बड़े योद्धा को भी हरा देते हैं।
मुखिया कुछ लोगों को लेकर उन लुटेरों के ठिकाने पर जा पहुंचा और उसने देखा लुटेरों के पास बहुत सारे संसाधन ,हथियार, खाने का सामान और ना जाने क्या-क्या रखा था।
मुखिया एक ही क्षण में समझ गया आखिर इन लुटेरों का आत्मविश्वास इतना क्यों बड़ा है ? उनके पास लड़ाई का हर संसाधन और कई महीनों तक अच्छा खाना था। मुखिया समझ गया था कुछ ही दिनों में यह दोबारा गांव पर हमला करेंगे और जो आने वाली फसल है उसको भी ले जाएंगे। मुखिया ने बड़ी सूझबूझ से उन लुटेरों के सारे खाने और संसाधनों में आग लगा दी और वापस अपने गांव आ गया।
लुटेरे इस घटना से बहुत आहत हो गए और उनका आत्मविश्वास भी टूट गया। अब ना उनके पास ज्यादा दिन का खाना बचा था और ना ही अच्छे हथियार बचे थे। यहां तक कि उनकी कुछ झोपड़ियां भी जल गई जिससे उनको रहने के लिए भी जगह नहीं बची थी।
अपनी इस हालत को दोबारा सुधारने के लिए लुटेरों ने इस बार फिर से हमला किया, पर गांव के मुखिया को पता था कि अब उनके पास कुछ नहीं है और यह सब उन्होंने गांव के लोगों को बता कर सभी का आत्मविश्वास बढ़ा दिया था। जो लोग लुटेरों से डर के कमजोर की तरह लड़ते थे आज वह भी योद्धा की तरह लड़ रहे थे और सभी ने मिलकर उन लोगों को हरा दिया।
गांव के लोगों ने लुटेरों को पकड़कर राजा के हवाले कर दिया और सारी घटना के बारे में अवगत कराया। राजा ने गांव के मुखिया से कहा – अगर तुमको सुरक्षा की जरूरत थी तो तुम मेरे पास क्यों नहीं आए ? मुखिया ने बड़ी नम्रता से कहा – महाराज हम अपनी रक्षा करने में स्वयं सक्षम हैं अगर मैं आपको खबर देता तो किसी भी छोटी से छोटी घटना के लिए हम आप पर आश्रित हो जाते इसलिए हमने पहले स्वयं पूरी कोशिश करने की ठानी अगर इसके बाद भी हम हार जाते तो फिर हम आपके पास आते।
मुखिया का स्वाभिमान देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ और मुखिया को ढेर सारा इनाम दिया। मुखिया ने यह इनाम गांव के विकास कार्यों में खर्च कर दिया और वह सबकी नजरों में महान गया।
शिक्षा – हमें अपने दुश्मन की कमजोरी और ताकत का पता अवश्य होना चाहिए तभी हम उस पर विजय पा सकते हैं। किसी छोटी सी बात के लिए हमें किसी पर निर्भर नहीं होना चाहिए हमें स्वयं पूरी कोशिश करना चाहिए कि हम आत्मनिर्भर बने।
